हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन आदिदेव शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए इस दिन भगवान शिव और माँ पार्वती की उपासना के लिए मंदिरों में जन सैलाब उमड़ता हैं।
इस बार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी की शुरूआत 8 मार्च को रात्रि 09 बजकर 57 मिनट पर होगी, जिसका समापन अगले दिन 9 मार्च को शाम 06 बजकर 17 मिनट पर होगा।
यदि आप भी इस महा शिवरात्रि को भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आप भगवान शिव को धतूरे का फूल अर्पित करें, क्योंकि ऐसा विश्वास किया जाता है कि धतूरे के फूल उत्पत्ति समुद्र मंथन के बाद हुई थी.
पौराणिक कथा के अनुसार पारिजात के फूलों को भगवान कृष्ण स्वर्ग से धरती पर लाए थे। इस फूल की सबसे खास बात यह है कि यह हर मौसम में नहीं खिलते हैं। यदि आपको महा शिवरात्रि के दिन पारिजात के फूल मिल जाये तो पारिजात के फूल भगवान शिव को जरूर चढ़ाएं।
कनेर का फूल पीला, लाल और सफेद रंग का होता है। कनेर का फूल भगवान शिव को बहुत पसंद हैं। आप महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को किसी भी रंग का कनेर का फूल अर्पित कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करने जीवन में सुख और वैभव की प्राप्ति होती है।