उत्तर या पूर्व दिशा में

बाथरूम की स्थिति उत्तर या पूर्व की ओर होनी चाहिए. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार सही तरीके से होता है और यह सामान्य रूप से शुभ माना जाता है।

      दक्षिण दिशा से दूर 

ध्यान रहें कि बाथरूम कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए. दक्षिण दिशा को अशुभ माना जाता है और इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है।

             पूर्व दिशा में 

यदि बाथरूम उत्तर में स्थापित नहीं किया जा सकता है तो पूर्व दिशा एक अच्छा विकल्प हो सकता है. पूर्वी दिशा में बाथरूम के साथ-साथ दरवाज़े का ध्यान भी रखें. यदि दरवाज़ा पूर्वी दिशा की ओर खुलता है तो यह भी शुभ माना जाएगा।

         प्राकृतिक प्रकाश 

बाथरूम में प्राकृतिक प्रकाश का भी ध्यान रखें। अच्छा वेंटिलेशन और सूर्य की किरणों के लिए सही स्थान चुनें।

     बाथरूम की दीवारों का रंग 

बाथरूम के अंदर की दीवारों का रंग सकारात्मक चुनो, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो क्योंकि हम अपने दिन की शुरूआत बाथरूम से ही करते हैं. यदि आप टाइल लगा रहे हैं तो अच्छी टाइल के साथ रंग का भी ध्यान रखें|

     बाथरूम की सफाई 

बाथरूम को रोज़ाना साफ़ करें ताकि आप स्वयं को खतरनाक बैक्टेरिया से बचा सकें.

    वास्तुदोष का रखें ध्यान 

यदि घर बनाते समय बाथरूम के लिए पर्याप्त जगह है तो वास्तुदोष के हिसाब से ही बाथरूम का बनवाये करवाए.