kailash Mansarovar Yatra 2024 | यदि आप भी 2024 में कैलास मानसरोवर की यात्रा करना चाहते हैं तो ये जानकारी आपके लिए हैं

kailash Mansarovar Yatra 2024
kailash Mansarovar Yatra 2024 : हिंदू धर्म में धार्मिक यात्राओं का विशेष महत्व है लेकिन भगवान शिव के धाम कैलाश मानसरोवर की यात्रा अन्य धार्मिक यात्राओं की तुलना में अतुलनीय है। इसका कारण यह है कि यह यात्रा तिब्बत के पश्चिमी हिस्से में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की परिक्रमा करवाती है। जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है। इसी स्वर्ग में साक्षात् भगवान शिव विराजते हैं।
भगवान शिव के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु कैलास मानसरोवर की यात्रा करते हैं। यह तीर्थ स्थल हिंदुओं के साथ-साथ बौद्धों और जैनियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। चलिये जानते हैं कैलाश मानसरोवर यात्रा का इतिहास, महत्त्व, यात्रा बुकिंग और अन्य बातें-
कैलाश मानसरोवर यात्रा का इतिहास । History of Kailash Mansarovar Yatra
कैलाश पर्वत समुद्रतल से 22068 फुट ऊँचा है और यह चीन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इसलिए कैलास मानसरोवर की यात्रा के लिए वीजा और पासपोर्ट की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन वर्तमान सरकार ने भारत की सीमा से ही कैलास दर्शन कराने की कवायद शुरू की हैं। सरकार ने चुनपानी से ओल्ड लिपु तक पैदल मार्ग का निर्माण शुरू कर दिया है। जल्द ही व्यू प्वाइंट भी बन जाएगा। अगर सब कुछ ठीकठाक रहा तो भारत से ही हिंदुओं के सबसे बड़े तीर्थ के दर्शन हो सकेंगे।
पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी के पास कुबेर की नगरी है। यहीं से भगवान विष्णु के कर-कमलों से निकलकर माँ गंगा कैलास पर्वत की चोटी पर गिरती है, जहाँ से आदिदेव शिव माँ गंगा को अपनी जटाओं में भरकर निर्मल धारा के रूप में धरती पर प्रवाहित करते हैं। शिवपुराण, स्कंद पुराण, मत्स्य पुराण आदि में कैलास खंड नाम से अलग ही अध्याय है, जहाँ पर कैलास पर्वत की महिमा का गुणगान सुंदर शब्दों में किया गया है।
कैलाश पर्वत से कई महत्वपूर्ण नदियाँ निकलती हैं जैसे ब्रह्मपुत्र, सतलुज और सिंधु नदी। इस अलौकिक जगह पर प्रकाश तरंगों और ध्वनि तरंगों का समागम होता है, जो ‘ॐ’ की प्रतिध्वनि करता है। इस पावन स्थल पर भारतीय सभ्यता और हिंदू धर्म की झलक देखने को मिलती है। इस महातीर्थ के दक्षिण भाग को नीलम, पूर्व भाग को क्रिस्टल, पश्चिम को रूबी और उत्तर को स्वर्ण रूप में माना जाता है।
यह पावन स्थल बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है। इस पावन स्थल पर स्थित बुद्ध भगवान के अलौकिक रूप ‘डेमचौक’ बौद्ध अनुयायियों के लिए पूजनीय है। सभी अनुयायी भगवान बुद्ध के इस रूप को ‘धर्मपाल’ की संज्ञा देते हैं। बौद्ध अनुयायियों का मानना है कि इस स्थल पर आकर उन्हें निर्वाण की प्राप्ति होती है। जैन धर्म के पहले तीर्थंकर ने भी यहीं निर्वाण लिया था। कुछ लोगों के अनुसार गुरु नानक ने भी यहाँ ध्यान किया था।

कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए चयन प्रक्रिया । Selection process for Kailash Mansarovar Yatra
निष्पक्ष कंप्यूटरीकृत प्रणाली के माध्यम से और ड्रा प्रक्रिया के तहत चयन किया जाएगा। चयन प्रक्रिया विदेश मंत्रालय द्वारा की जायेगी। इसमें विदेश मंत्रालय निष्पक्ष कंप्यूटर-जनित (unbiased computer-generated), यादृच्छिक (random), लिंगानुपातिक (gender proportional) चयन प्रक्रिया के माध्यम से यात्रियों का चयन होगा। चयन होने के बाद विदेश मंत्रालय द्वारा विभिन्न मार्ग एवं बैच आबंटित किए जाएंगे। एक ही बैच में दो व्यक्तियों का दल एक साथ यात्रा करने का विकल्प दे सकते हैं।
कंप्यूटरीकृत ड्रा के पश्चात चुने गए आवेदकों को उनके पंजीकृत ई-मेल आई डी/मोबाईल नं. पर सूचित किया जायेगा। हेल्पलाईन नं. 011-24300655 के माध्यम से भी आगे की स्थिति जानी जा सकती है। अधिक जानकारी के लिए आप विदेश मंत्रालय की अधिकारिक वेबसाइट kmy.gov.in विजिट कर सकते हैं।
कैलास मानसरोवर यात्रा आवेदन के लिए शर्तें । Conditions for Kailash Manasarovar Yatra Application
- आवेदक के पास साधारण भारतीय पासपोर्ट होना चाहिए जो कि वर्तमान वर्ष के 01 सितम्बर को कम से कम 6 माह के लिए वैध हो।
- यह यात्री की स्वयं की जिम्मेदारी है कि आवेदन फॉर्म में भरी गई सूचनाएं, नाम (वर्तनी) जन्मतिथि इत्यादि हर संदर्भ में पूर्ण एवं सही हो।
- आवेदन फार्म में गलत एवं / अथवा अधूरी जानकारी यात्री को यात्रा से निष्कासित करने का आधार होगा। अब तक किए गए सभी भुगतान अप्रतिदेय (non-refundable) होंगे।
- आवेदकों को दोनों मार्गों में से अपनी पसंद के अनुसार वरीयता देना अनिवार्य है।
- यात्रियों को यात्रा-समापन स्थल का चयन करना भी अनिवार्य है।
(i) मार्ग-1 (लिपुलेख): धारचूला या दिल्ली
(ii) मार्ग-2: (नाथुला): गंगटोक या दिल्ली
- कागजी आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किये जाएंगे।
- ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको विदेश मंत्रालय की वेबसाइट kmy.gov.in पर विजिट करना होगा।
मानसरोवर यात्रा के लिए आवश्यक दस्तावेज । Documents required for Kailash Mansarovar Yatra
- नवीनतम फ़ोटो की स्कैन प्रति जो कि JPG फॉर्मेट में और 300 केबी से अधिक न हो।
- पासपोर्ट की स्कैन प्रति (जिस पृष्ठ पर फोटो और व्यक्तिगत विवरण हो) और आखिरी पृष्ठ जिस पर परिवार का विवरण हो (पीडीएफ फॉमेट में 500 केबी से अधिक न हो)
- यदि अन्य किसी व्यक्ति के साथ में आवेदन कर रहे हैं तो उस व्यक्ति के उपर्युक्त दस्तावेज़ (क) और (ख) तैयार रखें।

सफलतापूर्वक ऑनलाइन आवेदन करने के बाद की प्रक्रिया । Process after successful online application of kailas mansarovar in hindi
- आवेदन प्रपत्र का प्रिंट आउट ले लें और भविष्य के संदर्भ में इसे अपने पास रखें।
- आवेदन पत्र सफलतापूर्वक प्रस्तुत करने के बाद आवेदक को पुष्टि हेतु SMS / ई-मेल प्राप्त करेंगे।
कैलास मानसरोवर यात्रा की तैयारियाँ । Preparations for Kailash Mansarovar Yatra
इस यात्रा की शुरूआत उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और नेपाल के काठमांडू से होती है। इसमें सिक्किम के नाथुला दर्रा से जाना सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक है। यहाँ पर ऑक्सीजन का स्तर काफ़ी कम हो जाता है, जिस कारण सिरदर्द, साँस लेने में तकलीफ आदि परेशानियाँ हो सकती है। इसलिए यात्री अपने साथ ऑक्सीजन सिलेंडर अवश्य रखें।
लिपुलेख दर्रा मार्ग की यात्रा दिल्ली से शुरू होती है। यात्री दिल्ली से अलमोड़ा पहुँचता है और फिर बुधि होते हुए गुंजी फिर नबी, नबी से कालापानी, कालापानी से नवीधांग की पैदल तक पैदल यात्रा रहती है। नवीधांग के से होते हुए लिपुलेख दर्रा मार्ग से होते हुए चीन के तिब्बत में प्रवेश करते हैं। ये पूरा सफ़र लगभग 12 दिन का होता है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा खर्च । Kailash Mansarovar Yatra Expenses
कैलास मानसरोवर यात्रा खर्च कई चीजों पर निर्भर करती है मसलन यात्रा का समय, यात्रा का मार्ग, यात्रा की अवधि, यात्रा के दौरान मिलने वाली सुविधाएँ और यात्रा के दौरान किये जाने वाले खर्च आदि पर निर्भर करती है।
कैलास मानसरोवर यात्रा का कुल औसत खर्च 1,00,000 लाख रुपये से 2,00,000 लाख रुपये के बीच होती है। इसमें कुल खर्च जैसे कि दस्तावेजों का शुल्क, वीजा शुल्क, यात्रा बीमा, यात्रा के दौरान प्रदान की जाने वाली सुविधाएँ जैसे कि आवाज, भोजन, परिवहन, स्थानीय गाइड, चिकित्सा सहायता आदि शामिल हैं।

कैलास मानसरोवर यात्रा कब शुरू होती है । When does Kailash Mansarovar Yatra start in hindi
यह यात्रा अमूमन मई से सितंबर माह के बीच शुरू होती है। इस समय मौसम काफ़ी अच्छा होता है और यात्रा करना आसान होता है। यह एक कठिन यात्रा है, इसमें यात्री को लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा तय करनी होती जिसे टी करने में 10-12 दिन लग जाते हैं।
कैलास मानसरोवर यात्रा के दौरान इन चीजों को साथ रखें । Keep these things with you during Kailash Mansarovar Yatra
यात्रा के दौरान अच्छी कंपनी के जूते, एक टेंट, एक स्लीपिंग बैग (sleeping bag), रेनकोट, टोपी, पानी की बोतल और सबसे जरूरी ऑक्सीजन सिलेंडर हैं।
सारांश में अगर कहा जाये तो कैलास मानसरोवर यात्रा एक अद्भुत अनुभव है। यह एक ऐसी यात्रा जो आपको तउम्र और जीवन भर याद रहेगी। इस यात्रा की यादें कभी धूमिल नहीं होगी। यदि आप भगवान शिव और एक धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं तो आपको अपने जीवनकाल में एक बार कैलास मानसरोवर की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।
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kailash Mansarovar Yatra 2024 IMPORTANT FAQS
कैलास मानसरोवर यात्रा कितने दिनों की होती है? । How many days does Kailash Mansarovar Yatra take?
आमतौर पर कैलास मानसरोवर यात्रा 14 से 16 दिनों तक की होती है, जिसमें पर्वतारोहण, मानसरोवर का परिक्रमण और अन्य पवित्र स्थलों की यात्रा शामिल होती है।
कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए कैसे पंगत (पंक्ति/लाइन) में जुड़ा जाए? । How to join the queue for Kailash Mansarovar Yatra?
कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए पंगतों को आमतौर पर ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से जोड़ा जाता है। आप अपनी पसंद के एजेंसी को चुन सकते हैं और उन्हें यात्रा की जानकारी और बुकिंग के लिए संपर्क कर सकते हैं।
कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए सामग्री क्या होनी चाहिए? । What should be the material for Kailash Mansarovar Yatra?
यात्रा के लिए आवश्यक सामग्री में वस्त्र, जूते, धार्मिक अनुष्ठान के सामग्री, खाने के लिए सामग्री, और उपयोगी सामग्री शामिल होती है।
कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए स्वास्थ्य जाँच की जरूरत है? । Need health checkup for Kailash Mansarovar Yatra?
हां, आपको यात्रा से पहले एक अच्छी स्वास्थ्य जाँच करानी चाहिए, क्योंकि इस यात्रा के लिए शारीरिक और मानसिक दृढ़ता की आवश्यकता होती है।
कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए सीमा पार करने के लिए वीजा की आवश्यकता होती है? Is visa required to cross the border for Kailash Mansarovar Yatra?
हां, आपको नेपाल और तिब्बत (चीन) के बीच सीमा पार करने के लिए वीजा की आवश्यकता होती है।
कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय क्या है? । What is the best time to visit Kailash Mansarovar?
सामान्य रूप से, कैलास मानसरोवर यात्रा का सबसे अच्छा समय मई से सितंबर तक होता है। यहाँ का तापमान उच्च होता है जो सफर के लिए अधिक सुविधाजनक होता है।
कैलास मानसरोवर यात्रा कितना खर्च आता है? । How much does Kailash Mansarovar Yatra cost?
कैलास मानसरोवर यात्रा का खर्च आपकी पंगत, सुविधाओं और दौरे की अवधि पर निर्भर करता है। सामान्यत: 2 लाख से 5 लाख रुपये तक का खर्च होता है।
कैलास मानसरोवर यात्रा क्यों महत्वपूर्ण है? । Why is Kailash Mansarovar Yatra important?
कैलास मानसरोवर यात्रा को हिन्दू, जैन और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल माना जाता है। इसे सभी धर्मों के श्रद्धालुओं द्वारा प्रतिष्ठित माना जाता है और यहाँ का सौंदर्य और शांति वास्तव में प्रभावशाली होता है।