Complete information of Hindu Dharma in Hindi, जानें सनातन धर्म की महत्वपूर्ण बातें 2024

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Hindu Dharma

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Hindu Dharma : आज हम आप लोगों के लिए सनातन धर्म (Hindu dharma) की कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी लेकर आएं हैं, जो हर हिंदू को पता होना चाहिए। ख़ासकर देश के युवाओं को जो पश्चिमी संस्कृति की बाढ़ में बहते जा रहे हैं और अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। आज हम हिंदू धर्म से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों को लेकर आये हैं, जिसके बारे  में हर हिंदू को पता होना चाहिए। तो चलिए जानते हैं।

प्रश्न 1. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में कितने पक्ष होते हैं? (How many lunar phases are there in Hinduism?)

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में दो पक्ष होते हैं। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष।

चंद्र पक्ष अनुवाद अवधि प्रमुख विशेषताएँ
कृष्ण पक्ष अंधकार फोर्टनाइट घटता हुआ चंद्र चंद्रमा का दृश्यमान प्रकाशित हिस्सा प्रतिदिन घटता है।
घटते चंद्र प्रकाश के साथ जुड़ा हुआ है।
आत्मचिंतन, पुनरावलोकन और छोड़ने की अवधि।
शुक्ल पक्ष उज्ज्वल फोर्टनाइट बढ़ता हुआ चंद्र चंद्रमा का दृश्यमान प्रकाशित हिस्सा प्रतिदिन बढ़ता है।
बढ़ते चंद्र प्रकाश के साथ जुड़ा हुआ है।
विकास, नए आरंभों और सकारात्मक ऊर्जा की अवधि।

प्रत्येक पक्ष की अवधि लगभग 15 दिन है और वे एक-दूसरे के साथ एक चंद्रमास (लुनर मॉन्थ) में बदलते हैं। दो पक्षों के बीच का संगम पूर्णिमा और अमावस्या दिनों को चिह्नित करता है।

प्रश्न 2. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में ऋण कितने होते हैं? (How many debts are there in Hindu religion?)

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में तीन ऋण होते हैं- देव ऋण, पितृ ऋण, ऋषि ऋण।

ऋण का प्रकार अनुवाद प्रमुख विवरण
देव ऋण देवताओं का ऋण इसमें श्रद्धाभावना और आदर्श से देवताओं के प्रति ऋण चुकाना।
यह धर्मिक उपासना, पूजा और ध्यान के माध्यम से किया जा सकता है।
पितृ ऋण पितृऋण इसमें पूर्वजनों, पितृदेवताओं और पुराखों के प्रति आदर और श्रद्धा।
श्राद्ध और पितृतर्पण के माध्यम से इसे चुकाया जा सकता है।
ऋषि ऋण ऋषियों का ऋण इसमें विद्या, ज्ञान और शिक्षा के प्रति आदर और ऋषियों की शिक्षाएँ।
गुरुकुलों या विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करके इसे चुकाया जा सकता है।

इन्हें चुकाना अपने जीवन में सामंजस्य और संतुलन बनाए रखने का एक तरीका माना जाता है।

प्रश्न 3. हिंदू धर्म (Hindu dharma) में कितने युग हैं? (How many eras are there in Hindu religion?)

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में चार युग हैं-

  • सतयुग (Satya Yuga) – Age of Truth
  • त्रेतायुग (Treta Yuga) – Silver Age
  • द्वापरयुग (Dvapara Yuga) – Bronze Age
  • कलियुग (Kali Yuga) – Iron Age
युग का नाम अनुवाद प्रमुख विशेषताएँ
सतयुग आदियुग, गोल्डन युग धरती पर आध्यात्मिकता और नैतिकता का सर्वोत्तम समय।
सत्य, धर्म, तप और दान का पूर्वापर युग।
त्रेतायुग सिल्वर युग यज्ञ और यजमान के समय की प्रमुख विशेषताएँ।
रामायण का काल, राम का आवतार और धार्मिकता के उत्थान।
द्वापरयुग ब्रॉंज युग धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि का समय।
महाभारत का काल, कृष्ण का आवतार और युद्ध का काल।
कलियुग आधुनिक युग धर्म की पूर्ण हानि, अधर्म की वृद्धि का समय।
कलियुग के अंत में कल्कि आवतार के द्वारा धर्म की स्थापना।

ये युग धरती के धार्मिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य को परिभाषित करते हैं, जिसमें हर युग का अपना विशेष महत्व है।

Table of Contents

प्रश्न 4. हिंदू धर्म में कितने धाम (धार्मिक स्थल) हैं? (How many Dham’s (religious places) are there in Hinduism?

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu dharma) में चार धाम है-

  • द्वारिका धाम (Dwarka Dham)
  • बद्रीनाथ धाम (Badrinath Dham)
  • जगन्नाथ पुरी धाम (Jagannath Puri Dham)
  • रामेश्वरम धाम (Rameswaram Dham)
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धाम का नाम स्थान देवी-देवता प्रमुख विशेषताएँ
द्वारिका गुजरात, भारत श्रीकृष्ण कृष्ण का प्रमुख आवतार, द्वारका नगरी, मोक्ष प्राप्ति का स्थान।
बद्रीनाथ उत्तराखण्ड, भारत बद्रीनाथ विष्णु के बद्री रूप की मूर्ति, चार धाम यात्रा का एक हिस्सा।
जगन्नाथ पुरी ओडिशा, भारत जगन्नाथ, बलभद्र, सुबद्रा जगन्नाथ मंदिर, रथयात्रा, मुक्तिप्राप्ति का स्थान।
रामेश्वरम तमिलनाडु, भारत शिव रामेश्वर मंदिर, राम-रावण युद्ध के स्थान, तीर्थ यात्रा का महत्त्वपूर्ण स्थान।

ये चार धाम हिन्दू धर्म (Hindu Dharma) में महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं और चार धाम यात्रा का एक हिस्सा हैं।

प्रश्न 5. हिंदू धर्म (Hindu dharma) में कितने पीठ हैं? (How many Peethas are there in Hinduism?)

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में चार पीठ हैं –

  • शारदा पीठ (Sharada Peeth)
  • ज्योतिष पीठ (Jyotish Math)
  • गोवर्धन पीठ (Govardhan Peeth)
  • शृंगेरी पीठ (Shringeri Peeth)
पीठ का नाम स्थान प्रमुख देवी-देवता प्रमुख विशेषताएँ
शारदा पीठ द्वारिका, गुजरात, भारत शारदा देवी सरस्वती का प्रमुख शक्तिपीठ, ज्ञान के लिए महत्त्वपूर्ण।
ज्योतिष पीठ ज्योषीमठ, बद्रीनाथ, उत्तराखण्ड, भारत आदि शंकराचार्य आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित, वेदांत का महत्त्वपूर्ण केंद्र।
गोवर्धन पीठ जगन्नाथपुरी, ओडिशा, भारत जगन्नाथ, बलभद्र, सुबद्रा जगन्नाथपुरी के रथयात्रा, मुक्ति प्राप्ति का महत्त्वपूर्ण स्थान।
शृंगेरी पीठ शृंगेरी, कर्नाटक, भारत शारदाम्बा आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित, वेदांत और धर्म साधना का केंद्र।

ये चारपीठ हिन्दू धर्म (Hindu Dharma) में महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं, जो श्रद्धालुओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 6. हिंदू धर्म (Hindu dharma) में कितने वेद हैं? (How many Vedas are there in Hinduism?)

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में चार वेद हैं।

  • ऋग्वेद (Rigveda)
  • अथर्ववेद (Atharvaveda)
  • यजुर्वेद (Yajurveda)
  • सामवेद (Samaveda)
Religious book of Hinduism
Religious book of Hinduism
वेद का नाम प्रमुख शाखा संगीत सम्बंधित अंश प्रमुख विशेषताएँ
ऋग्वेद शाखा: शाकल, बाष्कल सूक्त और छंदों का संगीत मन्त्रों और सूक्तों का संग्रह, धार्मिक और ऋत्विज रीतियाँ।
अथर्ववेद शाखा: पैप्पलाद, शौनक वेदी, मन्त्र, उपनिषद आयुर्वेद, ज्योतिष, भूत-भविष्य की जानकारी, औषधियाँ।
यजुर्वेद शाखा: शुक्ल, कृष्ण यज्ञ और यजमान के लिए मन्त्र यज्ञों के संबंध में मन्त्र, ऋचाएँ और सांगीतिक अंश।
सामवेद शाखा: कौषितकि, जैमिनी सामगान, मेलोदी, स्वर गायन के लिए मंत्र और सांगीतिक रूप में विद्या।

वेद हिन्दू धर्म (Hindu Dharma) के प्राचीन शास्त्रों में से एक हैं, जिनमें ब्राह्मण, आरण्यक और उपनिषद्ध भी शामिल हैं। ये वेद ज्ञान, यज्ञ, धर्म, राजनीति, चिकित्सा और अन्य कई क्षेत्रों में निरूपित हैं।

प्रश्न 7. हिंदू धर्म (Hindu dharma) में कितने आश्रम का उल्लेख हैं? (How many ashrams are mentioned in Hindu religion?)

उत्तर. हिंदू धर्म में चार आश्रम हैं-

  • ब्रह्मचर्य (Brahmacharya)
  • गृहस्थ (Grihastha)
  • वानप्रस्थ (Vanaprastha)
  • संन्यास (Sannyasa)
आश्रम का नाम आश्रम का धार्मिक अर्थ प्रमुख लक्षण विशेष धर्मों और दायित्वों
ब्रह्मचर्य छात्रवृत्ति, ब्रह्मचर्य ब्रह्मचर्य और शिक्षा शिक्षा और आत्मविकास, गुरुकुल में अध्ययन।
गृहस्थ गृहस्थ, गृहस्थाश्रम परिवार का पालन विवाह के माध्यम से परिवार की सृष्टि और पालन।
वानप्रस्थ वनप्रस्थ, वानप्रस्थाश्रम संग्रह और त्याग सम्पत्ति संग्रह, आत्मचिंतन और ध्यान का योग्य युग।
संन्यास संन्यास, संन्यासाश्रम आत्मनिवृत्ति और त्याग संसार से निवृत्ति, ब्रह्मचर्य और साधना का पूर्णांक।

ये आश्रम व्यक्ति के जीवन के विभिन्न चरणों को दर्शाते हैं और साधना, परिवार और आत्मनिवृत्ति के लिए विशेष धर्मों को प्रदर्शित करते हैं।

प्रश्न 8. हिंदू धर्म (Hindu dharma) में कितने अंतःकरण हैं? (How many Antahkarans are there in Hinduism?)

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में चार अंतःकरण का उल्लेख किया गया हैं-

  • मन (Mind)
  • बुद्धि (Intellect)
  • चित्त (Consciousness/Mindstuff)
  • अहंकार (Ego/Sense of Self)
अंतःकरण का नाम विवेकबुद्धि प्रमुख लक्षण कार्य
मन विचार और भावनाएं इंद्रियों द्वारा प्राप्त ज्ञान का संग्रह और आत्मा के साथ इंद्रियां को मिलाना भावनाएं, इच्छाएं और अनुभूतियां उत्पन्न करना।
बुद्धि विचार और निर्णय निर्णय करने की शक्ति, ज्ञान का विशेषाधीन और उसे समझने की क्षमता निर्णय और विवेक की शक्ति, विचारशीलता।
चित्त संज्ञानात्मक शक्तियाँ विचारों और अनुभूतियों की गहन अनुभूति, मन की विभिन्न चेतना क्षेत्रों की संगीत ज्ञान का संग्रह, सुप्त अवस्था, अनुभव की गहनता।
अहंकार अभिमान और आत्मसमर्पण आत्मसमर्पण की भावना और व्यक्ति का अपने आत्मा के साथ एकीभाव अभिमान और स्वार्थी भावनाओं की उत्पत्ति, अपना अस्तित्व।

ये अंतःकरण तत्व हिन्दू दर्शन (Hindu Darshan) और योग शास्त्र में मन, बुद्धि, चित्त, और अहंकार को बताने के लिए प्रयुक्त होते हैं, जो मानव व्यक्ति की मानसिक और आत्मिक शक्तियों को समझने में मदद करते हैं।

प्रश्न 9. हिंदू धर्म (Hindu dharma) पंच गव्य कितने हैं? (How many Panch Gavyas are there in Hinduism?)

उत्तर. हिंदू धर्म में पंच गव्य पाँच हैं-

  • गाय का घी (Cow’s Ghee)
  • दूध (Milk)
  • दही (Curd/Yogurt)
  • गोमूत्र (Cow Urine)
  • गोबर (Cow Dung)
पंचगव्य का नाम अर्थ प्रमुख उपयोग धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व
गाय का घी गाय के तेल से बना आहार में उपयोग, पूजा, धूप, चिकित्सा हवन, पूजा, यज्ञ और आहार में उपयोग
दूध गाय का दूध आहार, पूजा, आचार्यों को दान आहार में महत्त्वपूर्ण, पूजा और यज्ञ में उपयोग
दही गाय का दही आहार, पूजा, आचार्यों को दान पूजा, आचार्यों को दान, आहार में महत्त्वपूर्ण
गोमूत्र गाय का मूत्र चिकित्सा, पूजा, शुद्धि, हवन शुद्धि के लिए पूजा और हवन में उपयोग, चिकित्सा के लिए
गोबर गाय की खाद अग्निहोत्र यज्ञ, आर्थिक उपयोग, चिकित्सा यज्ञ में उपयोग, आर्थिक उपयोग, चिकित्सा के लिए प्रशंसा

पंचगव्य हिन्दू धर्म (Hindu Dharma) में आचार्यों द्वारा सिद्ध किए गए पाँच प्रमुख गौण उत्पादों को कहा जाता है, जिनका इस्तेमाल आहार, चिकित्सा, पूजा और धार्मिक कार्यों में किया जाता है।

प्रश्न 10. हिंदू धर्म (Hindu dharma) में पंच तत्व कितने हैं? (How many five elements are there in Hinduism?)

उत्तर. हिंदू धर्म में पाँच पंच तत्व हैं-

  • पृथ्वी (Earth)
  • जल (Water)
  • अग्नि (Fire)
  • वायु (Air)
  • आकाश (Ether/Sky)

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    पंच तत्व (अग्नि को छोड़कर)
पंचतत्व का नाम धार्मिक अर्थ अधीन तत्त्व धार्मिक और वैज्ञानिक महत्त्व
पृथ्वी स्थूल और सूक्ष्म भौतिक गंध तन्मात्र, पृथ्वी सृष्टि का आधार, धार्मिक पृष्ठभूमि, भौतिक घटक।
जल रस तन्मात्र जल, अपान वायु जीवन के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण, रस, शुद्धता।
अग्नि रूप तन्मात्र अग्नि, समान वायु ज्ञान, तपस्या, परिशुद्धि, परिवर्तन, शक्ति का प्रतीक।
वायु स्पर्श तन्मात्र वायु, उदान वायु प्राण, शक्ति, स्पर्श और संवेग का उत्कृष्ट उपाय।
आकाश शब्द तन्मात्र आकाश, व्यान वायु शब्द, अनंतता, अविनाशित्व, आत्मा का अद्वितीयता।

पंचतत्व सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं में समाहित हैं और ये प्राकृतिक दृष्टि से सृष्टि के पाँच मुख्य तत्त्वों को दर्शाते हैं। इन तत्त्वों के सही संतुलन से ही सृष्टि की संरचना होती है।

प्रश्न 11. हिंदू धर्म (Hindu dharma) में कितने दर्शन है? (How many Darshanas are there in Hinduism?)

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में छह दर्शन हैं-

  • वैशेषिक (Vaisheshika)
  • न्याय (Nyaya)
  • सांख्य (Samkhya)
  • योग (Yoga)
  • पूर्व मिमांसा (Purva Mimamsa)
  • दक्षिण मिमांसा (Dakshin Mimamsa or Vedanta)
दर्शन का नाम संस्थापक प्रमुख विषय मुख्य उद्देश्य
वैशेषिक कणाद पदार्थ, द्रव्य, गुण, कर्म, सामान्य, विशेष वस्तुओं का विश्लेषण, अनुमान और अनुभूति की सिद्धि।
न्याय गौतम प्रमाण, प्रमेय, वाक्य, अनुकूल, प्रतिकूल तर्क और वाक्यशास्त्र के माध्यम से सत्य का अन्वेषण।
सांख्य कपिल पुरुष, प्रकृति, तत्त्व, महत्तत्व प्रकृति से मुक्ति के लिए ज्ञान की प्राप्ति।
योग पतंजलि अष्टांग योग, यम, नियम, आसन, प्राणायाम मन की निग्रह करने के माध्यम से आत्मा का साक्षात्कार।
पूर्व मीमांसा जैमिनि कर्मकाण्ड, वेद प्रमाण वेदों के निरर्थकता को खंडन करके वैदिक कर्मों का अनुसरण।
दक्षिण मीमांसा व्यास वेदान्त, ब्रह्म सत्य, जीव ब्रह्म एक आत्मा और परमात्मा के अद्वितीय स्वरूप की प्राप्ति।

ये दर्शन हिन्दू दर्शन (Hindu Darshan) शास्त्र में से छह प्रमुख दर्शन हैं, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास करते हैं।

प्रश्न 12. हिंदू धर्म (Hindu Religion) में सप्त ऋषि कितने हैं? (How many Sapt Rishis are there in Hindu religion?)

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में सात सप्त ऋषि हैं-

  • विश्वामित्र (Vishwamitra)
  • जमदाग्नि (Jamadagni)
  • भरद्वाज (Bharadwaja)
  • गौतम (Gautama)
  • अत्री (Atri)
  • वशिष्ठ (Vashishtha)
  • कश्यप (Kashyap)
ऋषि का नाम पिता पत्नी/पतिव्रता पुत्र/पुत्री विशेषताएँ
विश्वामित्र गाधी भर्तृकुष, शकुंतला श्रुतकीर्ति, अरिष्टनेमि क्षत्रिय ऋषि, तपस्या और विद्या में पराक्रमी।
जमदाग्नि रिचीक ऋचिका, अरुंधती परशुराम ब्राह्मण ऋषि, परशुराम अवतार के पिता, तपस्या में माहिर।
भरद्वाज ब्रह्मा ममता धनुमान ब्रह्मा पुत्र, तपस्या में माहिर, ऋग्वेद के गायक।
गौतम राहु राजा अहिल्या शतानंदन, वामदेव, अश्वत्थामा ब्रह्मा पुत्र, अहिल्या के पति, नीतिशास्त्र में निपुण।
अत्री ब्रह्मा अनसूया चन्दन, दत्तात्रेय, दुर्वासा ब्रह्मा पुत्र, अनसूया के पति, तपस्या में निपुण।
वशिष्ठ मित्रावरुण अरुंधती शक्ति, पाराशर, शकुन्तला मनसा पुत्र, ब्रह्मर्षि, दयालु और धर्मशील।
कश्यप मरीचि आदिती, दिति, दनु देवदानव, गरुड़, वामन पुलस्त्य मुनि के पुत्र, प्राचीन ऋषि, विविध पुत्र हैं।

इन सप्त ऋषियों को हिन्दू पौराणिक ग्रंथों और ऋग्वेद में महत्त्वपूर्ण ऋषियों के रूप में उल्लेखित किया गया है।

प्रश्न 13. हिंदू धर्म (Hindu Religion) में कितने पुरी हैं? (How many Puris are there in Hinduism?)

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में छह पुरी हैं-

  • अयोध्या पुरी (Ayodhya)
  • मथुरा पुरी (Mathura)
  • माया पुरी (हरिद्वार ) (Haridwar)
  • काशी (Varanasi)
  • कांची ( शिन कांची – विष्णु कांची) (Kanchipuram)
  • अवंतिका (Ujjain)
  • द्वारिका पुरी (Dwarka)
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Varanasi ghat
पुरी का नाम स्थान प्रमुख देवता/देवी महत्त्व
अयोध्या पुरी उत्तर प्रदेश श्रीराम श्रीरामचंद्र की जन्मभूमि, रामलला का दरबार
मथुरा पुरी उत्तर प्रदेश कृष्ण भगवान कृष्ण की जन्मभूमि, श्रीकृष्ण का बाल लीला
माया पुरी (हरिद्वार) उत्तराखंड हरि गंगा नदी के तट पर स्थित, कुम्भ मेला
काशी उत्तर प्रदेश विश्वनाथ (शिव), अन्नपूर्णा (पार्वती) मुक्तिदायिनी, मनिकर्णिका घाट, काशी की विशेषता
कांची (श्रीकांची) तमिलनाडु विश्णु (वरदराजा) एकाम्बरनाथर शिव मंदिर, कांची का कुम्भशेखरम
कांची (विष्णुकांची) तमिलनाडु विष्णु (वरदराजा) दीप प्रदोत्सव और आदियार मठ का स्थान
अवंतिका बिहार सिता (जानकी) सीता माता की जन्मभूमि, श्रावण कुण्ड, चांदीपुर
द्वारिका पुरी गुजरात कृष्ण (द्वारकाधीश) भगवान कृष्ण की नगरी, द्वारिका महात्म्य

सभी सप्त पूरियाँ हिन्दू धर्म (Hindu Dharma) में महत्त्वपूर्ण स्थल हैं, जो विभिन्न देवताओं और ऐतिहासिक काव्यों के साथ जुड़ी हैं।

प्रश्न 14. हिंदू धर्म (Hindu Religion) में कितने योग हैं? (How many yogas are there in Hinduism?)

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में आठ योग हैं-

  • यम (Yama) – Restraints
  • नियम (Niyama) – Observances
  • आसन (Asana) – Postures
  • प्राणायाम (Pranayama) – Breath Control
  • प्रत्याहार (Pratyahara) – Withdrawal of the Senses
  • धारणा (Dharana) – Concentration
  • ध्यान (Dhyana) – Meditation
  • समाधी (Samadhi) – Absorption
योग की स्थिति योगांग प्रमुख लक्षण ध्यान और अभ्यास
यम योग की मोरल प्रिंसिपल्स अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह अच्छा आचरण और ईमानदारी की प्राप्ति
नियम योग की आधारभूत नियम शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय, ईश्वर प्रणिधान आत्म-निग्रह, ध्यान और आत्म-विकास के लिए नियमित प्रयास
आसन योगासन स्थिरता और सुख शारीरिक स्थिति को स्थिर रखने के लिए विशेष पोजिशनें
प्राणायाम योगायाम प्राण और श्वास का नियंत्रण श्वास की नियंत्रण और ऊर्जा को प्राण में परिणामित करना
प्रत्याहार योग की एकांत अवस्था इंद्रियों का अंतर्मुखीकरण और विकल्प की निग्रह इंद्रियों को बाह्य प्रकृति से अंतर्मुखी करने की प्रक्रिया
धारणा योग की एकाग्रता एकाग्रता और मानसिक स्थिरता एक विशेष ध्येय पर मन को केंद्रित करने की अभ्यासा
ध्यान योगी ध्यान ध्यान पर समर्पण और मन का समाधान ध्यान पर मन को समर्पित करके ध्यानाभ्यास का अभ्यासा
समाधि योग का आदिष्ठान स्वरूप अनुभव और सम्पूर्ण एकाग्रता मन की सम्पूर्ण एकाग्रता और आत्मा के साथ एकीभाव की स्थिति

ये आठ योगांग हाथ योग की अष्टांग योग प्रवृत्ति को दर्शाते हैं, जिसे पतंजलि योग सूत्र में विस्तृत रूप से विवेचित किया गया है।

प्रश्न 15. हिंदू धर्म (Hindu Religion) में दिशाओं के नाम और कितनी दिशाएं हैं? (Names of directions and how many directions are there in Hinduism?)

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में कुल 10 दिशाएं हैं-

  • पूर्व (East)
  • पश्चिम (West)
  • उत्तर (North)
  • दक्षिण (South)
  • ईशान (Northeast)
  • नैऋत्य (Southwest)
  • वायव्य (Northwest)
  • अग्नि (Southeast)
  • आकाश (Sky/Space)
  • पाताल (Nadir/Downward)
दिशा संदर्भी विषय विषय/देवता/तत्त्व
पूर्व सूर्य और जीवन की उत्पत्ति सूर्य देवता, पूर्व की ओर
पश्चिम मृत्यु और समाप्ति पितृ देवता, पश्चिम की ओर
उत्तर धर्म और सृष्टि कुबेर, धर्म और उत्तर की ओर
दक्षिण यात्रा और क्रिया यम, दक्षिण की ओर
ईशान आत्मा और उद्दीपन ईश्वर, ईशान की ओर
नैऋत्य आध्यात्मिक साधना वरुण, नैऋत्य की ओर
वायव्य वायु और पुनर्जन्म वायु देवता, वायव्य की ओर
अग्नि प्रकाश और ऊषा अग्नि देवता, अग्नि की ओर
आकाश शून्यता और अद्वितीयता आकाश तत्त्व, आकाश की ओर
पाताल अपरलोक और रक्षा नाग देवता, पाताल की ओर

सभी दिशाएँ हिन्दू धर्म (Hindu Dharma) और वेदांत दर्शन के संदर्भ में हैं और विभिन्न परंपराओं में उन्हें भिन्न-भिन्न तत्त्वों और देवताओं से जोड़ा गया है।

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प्रश्न 16. हिंदू धर्म (Hindu Dharm) में कितने महीने होते हैं? (How many months are there in Hindu religion?)

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में बारह महीनें होते हैं-

  • चैत्र (Chaitra)
  • वैशाख (Vaishakha)
  • ज्येष्ठ (Jyeshtha)
  • अषाढ (Ashadha)
  • श्रावण (Shravana)
  • भाद्रपद (Bhadrapada)
  • अश्विन (Ashwin)
  • कार्तिक (Kartik)
  • मार्गशीर्ष (Margashirsha)
  • पौष (Pausa)
  • माघ (Magha)
  • फागुन (Phalguna)
मास का नाम समय ऋतु विशेषता
चैत्र मार्च-अप्रैल वसंत (बहार) हिन्दी पंचांग का प्रारंभ, रामनवमी
वैशाख अप्रैल-मई वसंत (बहार) अक्षय तृतीया, बुद्ध पूर्णिमा
ज्येष्ठ मई-जून ग्रीष्म (गर्मी) ज्येष्ठ पूर्णिमा, वात सावित्री व्रत
अषाढ जून-जुलाई ग्रीष्म (गर्मी) अषाढ़ी पूर्णिमा, अषाढ़ी नवरात्रि
श्रावण जुलाई-अगस्त वर्षा (मानसून) श्रावण सोमवार व्रत, रक्षाबंधन
भाद्रपद अगस्त-सितंबर वर्षा (मानसून) गणेश चतुर्थी, भाद्रपदी नवरात्रि
अश्विन सितंबर-अक्टूबर शरद (शरद ऋतु) दुर्गा पूजा, शरद पूर्णिमा
कार्तिक अक्टूबर-नवंबर शरद (शरद ऋतु) कार्तिक पूर्णिमा, दीपावली
मार्गशीर्ष नवंबर-दिसंबर हेमन्त (प्रेक्षाग) गीता जयंती, मार्गशीर्ष मास का आरंभ
पौष दिसंबर-जनवरी हेमन्त (प्रेक्षाग) मकर संक्रांति, श्रीकृष्ण व्रत
माघ जनवरी-फरवरी शिशिर (शीत) माघी पूर्णिमा, माघ स्नान, वसंत पंचमी
फागुन फरवरी-मार्च शिशिर (शीत) होली, फागुन पूर्णिमा, श्रीरामनवमी

ये महीनें भारतीय पंचांग के अनुसार हैं और हिन्दू धर्म (Hindu Dharma) में उत्सव एवं व्रतों की महत्त्वपूर्ण तिथियों को दर्शाते हैं।

प्रश्न 17. हिंदू धर्म में कितनी तिथियाँ हैं? (How many dates are there in Hinduism?)

उत्तर. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में कुल 15 तिथियाँ हैं-

  • प्रतिपदा (Pratipada) – First day
  • द्वितीय (Dvitiya) – Second day
  • तृतीय (Tritiya) – Third day
  • चतुर्थी (Chaturthi) – Fourth day
  • पंचमी (Panchami) – Fifth day
  • षष्ठी (Shashthi) – Sixth day
  • सप्तमी (Saptami) – Seventh day
  • अष्टमी (Ashtami) – Eighth day
  • नवमी (Navami) – Ninth day
  • दशमी (Dashami) – Tenth day
  • एकादशी (Ekadashi) – Eleventh day
  • द्वादशी (Dwadashi) – Twelfth day
  • त्रयोदशी (Trayodashi) – Thirteenth day
  • चतुर्दशी (Chaturdashi) – Fourteenth day
  • पूर्णिमा (Purnima) – Full Moon
  • अमावास्या (Amavasya) – New Moon
तिथि तिथि का नाम विषय/आयोजन महत्त्व
प्रतिपदा प्रतिपदा शुभारंभ, विघ्न नाश नववर्ष का प्रारंभ, गणपति पूजा, नामकरण आदि
द्वितीय द्वितीय द्वारका पूजा द्वारकाधीश की पूजा
तृतीय तृतीय गौतमी एकादशी व्रत, एकादशी व्रत का आरंभ
चतुर्थी चतुर्थी विनायक चतुर्थी गणेश चतुर्थी, गणपति पूजा
पंचमी पंचमी सरस्वती पूजा बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा
षष्ठी षष्ठी स्कंदा षष्ठी स्कंदमाता की पूजा, कार्तिकी षष्ठी
सप्तमी सप्तमी महाकाली सप्तमी काली पूजा, सातभी पूजा
अष्टमी अष्टमी दुर्गाष्टमी महागौरी पूजा, महानवमी, दुर्गाष्टमी
नवमी नवमी सीता नवमी सीता जी की पूजा, नवरात्रि का अंत
दशमी दशमी विजयादशमी दशहरा, विजयादशमी, दुर्गा पूजा का समापन
एकादशी एकादशी हरिवासर एकादशी विष्णु भगवान की पूजा, उपवास का दिन
द्वादशी द्वादशी प्रदोष व्रत हरिवासर द्वादशी, विष्णु भगवान की पूजा
त्रयोदशी त्रयोदशी त्रयोदशी व्रत प्रदोष व्रत, तुलसी पूजा, धनतेरस
चतुर्दशी चतुर्दशी कुबेर चतुर्दशी कुबेर पूजा, धनतेरस
पूर्णिमा पूर्णिमा (purnima) शारद पूर्णिमा शारद पूर्णिमा, रात्रि चन्दन मेला
अमावास्या अमावास्या महालया अमावास्या पितृ पक्ष की शुरुआत, श्राद्ध

ये तिथियां हिन्दू पंचांग (Hindu panchang) के अनुसार हैं और हिन्दू धर्म में उपास्य (उपासना) तिथियों को दर्शाते हैं।

प्रश्न 18. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में कितनी स्मृतियाँ हैं? (How many Smritis are there in Hinduism?)

उत्तर. हिंदू धर्म में कुल उन्नीस स्मृतियाँ हैं-

  • मनु (Manu)
  • विष्णु (Vishnu)
  • अत्री (Atri)
  • हारीत (Harita)
  • याज्ञवल्क्य (Yajnavalkya)
  • उशना (Ushana)
  • अंगीरा (Angira)
  • यम (Yam)
  • आपस्तम्ब (Apastamba)
  • सर्वत (Sarvat)
  • कात्यायन (Katyayana)
  • ब्रहस्पति (Brihaspati)
  • पराशर (Parashara)
  • व्यास (Vyasa)
  • शांख्य (Shankhya)
  • लिखित (Likhit)
  • दक्ष (Daksha)
  • शातातप (Shatataapa)
  • वशिष्ठ (Vashishtha)
स्मृतिकार परंपरा विषय/ग्रंथ महत्त्व
मनु मनु संहिता नैतिक शास्त्र, धर्म शास्त्र मनु संहिता के माध्यम से नैतिकता का शिक्षण
विष्णु विष्णु संहिता नैतिक शास्त्र, व्रत विधि व्रतों और पूजा के संबंध में विवेचित
अत्रि अत्रि संहिता विवाह विधि, व्रत विधि, धर्म शास्त्र विवाह और नैतिकता के संबंध में उपदेश
हारीत हारीत संहिता व्रत विधि, नैतिक शास्त्र विविध व्रतों और नैतिकता का शिक्षण
याज्ञवल्क्य याज्ञवल्क्य संहिता योग, धर्मशास्त्र, नैतिकता योग और धर्मशास्त्र पर उपदेश
उशना उशना संहिता व्रत विधि, नैतिक शास्त्र व्रतों और नैतिकता से संबंधित उपदेश
अंगीरा अंगीरा संहिता व्रत विधि, नैतिक शास्त्र विविध व्रतों और नैतिकता के उपदेश
यम यामला नैतिक शास्त्र, यम धर्म यमला में यम धर्म का उपदेश
आपस्तम्ब आपस्तम्ब सूत्र आपस्तम्ब धर्मसूत्र, धर्म शास्त्र धर्मशास्त्र और समाज संबंधित विषयों पर विचार
सर्वत सर्वत संहिता नैतिक शास्त्र, व्रत विधि व्रतों और नैतिकता के बारे में विवेचित
कात्यायन कात्यायन सूत्र कात्यायन धर्मसूत्र, धर्म शास्त्र संबंधों और समाजिक न्याय के बारे में उपदेश
ब्रहस्पति ब्रहस्पति सूत्र ब्रहस्पति धर्मसूत्र, धर्म शास्त्र धर्मशास्त्र और यज्ञ विधि पर विचार
पराशर पराशर संहिता ज्योतिष, धर्मशास्त्र ज्योतिष और धर्मशास्त्र के बारे में उपदेश
व्यास धर्मसूत्र ब्रह्मसूत्र, महाभारत, पुराण ब्रह्मसूत्र, महाभारत, पुराण, वेद और वेदांत के रचयिता
शांख्य शांख्य सूत्र शांख्य दर्शन, योग शास्त्र शांख्य दर्शन और योग शास्त्र के उपदेश
लिखित लिखित सूत्र संबंध बनाने के नियम, समय निरूपन विभिन्न सामाजिक और नैतिक नियमों का वर्णन
दक्ष दक्ष संहिता विवाह, नैतिक शास्त्र, व्रत विधि विवाह, नैतिकता, और व्रतों के उपदेश
शातातप शातातप संहिता विवाह, नैतिक शास्त्र, व्रत विधि विवाह, नैतिकता, और व्रतों के उपदेश
वशिष्ठ वशिष्ठ संहिता वैदिक विद्या, नैतिक शास्त्र वेदों का ज्ञान, नैतिकता, और व्रतों के उपदेश

यह एक सारगर्भित सूची है और इसमें कुछ स्मृतिकारों ने अधिकांश शास्त्रों का विवेचन किया है, जबकि कुछ ने विशेष विषयों पर केंद्रित किया है।

संक्षिप्त : इस पूरे लेख में सनातन धर्म के सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर देने की कोशिश की गयी है| साथ ही इस लेख में हिंदू धर्म के विभिन्न बिंदुओं को शामिल करने की कोशिश की गयी है, जैसे- हिंदू धर्म क्या हैं, हिंदू धर्म, हिंदू धर्म ग्रन्थ, हिंदुओं के देवता, हिंदू देवी-देवता, हिंदू धर्म का महत्व, important of Hinduism, Hinduism, Hinduism, what is Hinduism, Religion Hindu आदि इन सभी प्रश्नों के उत्तर विस्तारपूर्वक देने की कोशिश की गयी है|

Disclaimer : इस लेख को इंटरनेट, पत्र-पत्रिकाओं से संगृहित किया गया है| जिसकी पुष्टि thebhaktitimes.com टीम नहीं करती है| अधिक जानकरी के लिए विशेषज्ञ से परामर्श लें|

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