2024 Magh Amavasya fast | माघ अमावस्या पर करें तिल दान मिलेगा मोक्ष, जानें कैसे करें

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2024 Magh Amavasya

2024 Magh Amavasya

2024 Magh Amavasya : माघ का महीना चल रहा है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष की 15 वीं तिथि को माघ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म के अनुयायी इसे मौनी अमावस्या या माघी अमावस्या भी कहते हैं, क्योंकि इस दिन मौन व्रत रखकर धर्म कर्म करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है।

माघ अमावस्या के दिन प्रात:काल स्नान के बाद पितरों के लिए तर्पण करते हैं। भक्त अपनी श्रद्धा अनुसार दान भी करते हैं, क्योंकि इस दिन दान का विशेष महत्व है।

चलिए जानते हैं 2024 Magh Amavasya कब है, माघ अमावस्या कब है, माघ अमावस्या में तर्पण का महत्व, तर्पण और दान का समय कब है?

किस दिन है माघ अमावस्या 2024 (when is Magh Amavasya 2024?)

इस वर्ष मौनी अमावस्या 9 फरवरी, 2024, दिन शुक्रवार को है। इस दिन पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए व्रत भी रखा जाता है।

तिथि दिनवार समय
9 फरवरी 2024 शुक्रवार
माघ अमावस्या आरंभ सुबह 08:02 बजे
माघ अमावस्या समाप्त 10 फरवरी सुबह 04:28 बजे

माघ अमावस्या 2024 में कब करें स्नान (When to take bath in Magh Amavasya 2024)

मौनी अमावस्या के  दिन संगम घाट पर स्नान का विधान है। धर्म ग्रंथों के अनुसार मौनी अमावस्या पर देवता और पितर संगम तट (प्रयागराज) पर आकर अदृश्य रूप से स्नान करते हैं। इस समय ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से लंबी आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है। जो लोग गंगा नदी (2024 Magh Amavasya) में स्नान करने नहीं जा सकते, वे लोग नहाने के पानी में गंगाजल (Gangajal) डालकर स्नान करें।

तिथि दिनवार ब्रह्म मुहूर्त समय स्नान प्रारंभ समय स्नान समाप्ति समय
9 फरवरी 2024 शुक्रवार 05:21 एएम – 06:13 एएम 05:21 एएम पूरे दिन चलेगा

मौनी अमावस्या का महत्व 2024 (Significance of Mauni Amavasya)

माघ अमवस्या को ‘मौनी अमावस्या’ कहने का धार्मिक कारण है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था और मनु नाम के कारण इस अमावस्या को मौनी अमावस्या (2024 Magh Amavasya) कहा जाने लगा। ऐसा विश्वास किया जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन व्रत रखने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। साथ ही आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है।

इस दिन तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, वस्त्र और आंवला दान में देना शुभ होता है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव को दूध और तिल का अर्घ्य देने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत क्यों रखा जाता है? (Why is Maun Vrat keep on the day of Mauni Amavasya?)

मौनी अमावस्या को मौन व्रत रखा जाता है, जिसमें व्रती को एक दिन लिए मौन (बात नहीं कर सकते) रहना पड़ता है। इस व्रत में व्यक्ति मौन रहकर अपने विचारों, भावनाओं, और आत्मा के साथ संवाद करने का प्रयास करता है, जिससे उसे आत्म-ज्ञान और आध्यात्मिक साधना की प्राप्ति होती है। इस व्रत को धार्मिक और धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के कारण मनाया जाता है।

शास्त्रों के अनुसार मन के देवता चंद्र देव हैं। अमावस्या के दिन चंद्र देव के दर्शन ना होने के कारण मन संयमित नहीं हो पाता, इसलिए इस दिन मौन व्रत रखकर कमज़ोर मन को संयमित करने का विधान है।

2024 Magh Amavasya
माघ अमावस्या

माघ अमावस्या शुभ मुहूर्त 2024 (Magh Amavasya auspicious time 2024)

तिथि शुभ मुहूर्त योग
9 फरवरी 2024 12:13 पीएम – 12:58 पीएम अभिजीत मुहूर्त
07:05 एएम से 11:29 पीएम
(सर्वार्थ सिद्धि योग)
सूर्योदयः 07:05 एएम
सूर्यास्तः 06:06 पीएम
श्रवण नक्षत्रः प्रातःकाल से 11:29 पीएम

 

संक्षिप्त : इस सूचनात्मक लेख में माघ अमावस्या कब है, माघ अमावस्या 2024 में कब है, 2024 में माघ अमावस्या कब है, माघ अमावस्या का महत्व, माघ अमावस्या में स्नान का महत्व, माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या क्यों कहते हैं, माघ अमावस्या क्या है, माघ अमावस्या का लाभ, Magh Amavasya 2024, when is Magh Amavasya 2024, 2024 Magh Amavasya, Importance of Magh Amavasya, what is Magh Amavasya आदि प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में देने की कोशिश की गयी है।

Important FAQ

प्रश्न 1. मौनी अमावस्या क्या है?

उत्तर: मौनी अमावस्या एक हिन्दू पर्व है जो मौन व्रत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग एक दिन के लिए मौन (चुप्पी) रखते हैं। मौन व्रती आत्मा की शांति और साधना के लिए समर्पित होते हैं।

प्रश्न 2. मौन व्रत का क्या महत्व है?

उत्तर: मौन व्रत रखने से व्यक्ति को आत्म और चित्त शुद्धि की प्राप्ति होती है।

प्रश्न 3. मौनी अमावस्या पर कौन-कौन से धार्मिक अथवा सामाजिक आयोजन होते हैं?

उत्तर: सत्संग, पूजा और कीर्तन।

प्रश्न 4. मौनी अमावस्या (2024 Magh Amavasya) के दिन क्या विशेष भोजन बनाया जाता है?

उत्तर: सात्विक भोजन पकाया जाता है, जो आत्मा को पवित्र और शुद्ध बनाए रखने में सहायक होता है।

 

DISCLAIMER:  यह एक सूचनात्मक जानकारी मात्र है जो जनरुचि के आधार इंटरनेट और पत्र-पत्रिकाओं से संग्रहित करके प्रस्तुत की गयी है। इसकी पुष्टि thebhaktitimes.com की टीम नहीं करती है। अधिक जानकारी एक लिए पुरोहित से सलाह लें।

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