1. कौन थीं भगवान राम की बहन 2. Lord Ram’s Sister name
कौन थीं भगवान राम की बहन: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की ख्याति त्रेतायुग से लेकर आज तक बनी हुई है और जब तक पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व रहेगा तब तक भगवान राम की ख्याति बनी रहेगी। भगवान राम की महिमा, लीला और उनके मर्यादा पुरुषोत्तम छवि से सनातन धर्म के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोग भी परिचित है।
लेकिन जितना हम भगवान राम के शौर्य और पराक्रम के बारे में जानते हैं। उतना ही कम हम उनकी बहन के बारे में जानते हैं। बहुत से लोगों को तो ये भी नहीं पता कि भगवान राम की कोई बहन भी थी।
इसका कारण है कि बचपन से ही हम सभी ने धार्मिक पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओं और संचार के अन्य साधनों में सिर्फ भगवान राम के बारे में पढ़ा और जाना है। यदि आपको भी भगवान राम की बहन के बारे में नहीं पता तो यह लेख आपके लिए ही हैं। इस लेख के माध्यम से हम आपको बतायेंगे कि भगवान राम की बहन कौन थीं, उनका नाम क्या था आदि अनेक प्रश्नों के जवाब इस लेख के माध्यम से देंगे।
कौन थीं भगवान राम की बहन/क्या सच में भगवान राम की बहन थी? (Did lord Rama has a sister)
जी, हाँ भगवान राम की बहन थीं। महाकवि तुलसीदास द्वारा कृत रामचरितमानस और वाल्मीकि कृत रामायण हिंदुओं का सबसे पवित्र ग्रंथ हैं। यह दोनों ग्रंथ सनातन धर्म के अधिकांश घरों में अवश्य देखने को मिल जाएगा। लेकिन इन दोनों ही ग्रंथों में भगवान राम की बहन का उल्लेख न के बराबर ही मिलता है। यही कारण है कि अधिकांश राम भक्तों को राम की बहन के बारे में पता ही नहीं है। भगवान राम की बहन (कौन थीं भगवान राम की बहन) का उल्लेख दक्षिण भारत की रामायण में मिलता है।
भगवान राम की बहन का नाम (Name of lord Ram’s sister)
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की बहन का नाम शांता था। हिंदू धर्म के प्रचलित धार्मिक ग्रंथों में भगवान राम और उनके भाइयों का ही वर्णन मिलता है। यहाँ तक की बड़े-बड़े पंडित और पुरोहित भी उनकी बहन के बारे में नहीं जानते। पंडित पुरोहित ही सनातन धर्म के मार्गदर्शक हैं। जब मार्गदर्शक ही भगवान राम की बहन (कौन थीं भगवान राम की बहन) के बारे में बहुत कम जानते हैं तो भक्त कितना जान और समझ पाएगा।
माता शांता विदुषी (विद्वान स्त्री) थी जो शास्त्रोक्त ज्ञान के साथ-साथ अन्य अनेक कलाओं में निपुण थीं। ऐसा कहा जाता है कि राजा दशरथ ने अपने मित्र को उन्हें गोद दे दिया था। वह राजा दशरथ और कौशल्या की बेटी थीं। देवी शांता (कौन थीं भगवान राम की बहन) को लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं।
एक बार अंगदेश के राजा रोमपद अपनी पत्नी रानी वर्षिणी के साथ अयोध्या आए थे। राजा रोमपद और वर्षिणी को कोई संतान नहीं थी। जब राजा दशरथ को इस बात का पता चला तो उन्होंने कहा, आप मेरी पुत्री शांता (कौन थीं भगवान राम की बहन को संतान के रूप गोद ले लीजिए। राजा दशरथ की यह बात सुनकर रोमपद और वर्षिणी अत्यंत खुश हुए। माता शांता को गोद लेकर उन्होंने माता-पिता के सारे कर्तव्य का निर्वहन किया।
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राजा रोमपद कौन थे? (Who was Rompad?)
राजा रोमपद अंगदेश के राजा थे और उनकी पत्नी का नाम वर्षिणी था। एक दिन राजा रोमपद अपनी पुत्री शांता (कौन थीं भगवान राम की बहन) से कुछ बात करने में व्यस्त थे तभी उनके द्वार पर एक ब्राह्मण आयें। ब्राह्मण ने राजा रोमपद से वर्षा के दिनों में खेतों की जुताई-बुआई के लिए सहायता मांगी। राजा रोमपद ने ब्राहमण की बातों को अनसुना कर दिया। ब्राहमण ने इसे अपना अपमान समझ राजा रोमपद का राज्य छोड़कर चल दिए।
ब्राह्मण इंद्रदेव का परम भक्त था। इंद्रदेव अपने भक्त का दुख देख राजा रोमपद पर क्रोधित हो गए। उन्होंने उनके राज्य में वर्षा नहीं की, जिसके कारण राजा रोमपद के राज्य में सूखा पड़ गया।
इस संकट से उभरने के लिए राजा रोमपद श्रृंग ऋषि के पास गए। उनसे उपाय पूछा तब ऋषि ने बताया कि उन्हें इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ करना होगा। राजा रोमपद ने श्रृंग ऋषि से यज्ञ करावाया। इसके बाद राज्य के खेत-खलिहान हरे भरे हो गए।
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माता शांता को लेकर अन्य प्रचलित कथायें (Other popular stories about Mata Shanta)
किंवदंती के अनुसार माता शांता के पैदा होने के बाद अयोध्या में भीषण अकाल पड़ा। कई वर्षों तक खेती से एक अन्न नहीं उपजा। तब किसी ऋषि ने राजा दशरथ को सलाह दी कि आप अपनी पुत्री शांता को दान (किसी अन्य को गोद देना) कर दीजिये। तब राजा दशरथ ने अपनी पत्नी कौशल्या की बहन को माता शांता (कौन थीं भगवान राम की बहन) को दान दे दिया था।
माता शांता का विवाह किसके साथ हुआ था? (With whom was Mata Shanta married?)
श्रृंत्र ऋषि ने राजा रोमपद के यहाँ यज्ञ करवाया तो राज्य में वर्षा के साथ अन्य की पैदावार भी भरपूर हुई। इससे राजा रोमपद और राज्य के नागरिक बहुत प्रसन्न थे। इसी प्रसन्नता के कारण राजा रोमपद ने अपनी पुत्री का विवाह श्रृंग ऋषि से करवा दिया। शांता और ऋषि श्रृंग के वंशज सेंगर राजपूत थे, जिन्हें एकमात्र ऋषि वंशी राजपूत कहा जाता है।
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श्रृंग ऋषि का आश्रम कहां है? (Where is the ashram of Shringa Rishi?)
पौराणिक कथाओं के अनुसार श्रृंग ऋषि ने ही राजा दशरथ को वंश चलाने के लिए पुत्रकामेष्टि यज्ञ कराने का सुझाव दिया था। इस यज्ञ के बाद राम, भरत और जुड़वां लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ था। अयोध्या से लगभग 39 कि.मी. पूर्व श्रृंगवेरपुर में आज भी श्रृंग ऋषि का आश्रम है। यहाँ आज भी माता शांता की समाधि स्थित है।
सरयू नदी की एक धारा यहाँ पर भी स्थित है। पूर्णिमा के दिन अक्सर लोग यहाँ पर स्नान के लिए जाते हैं और मंदिर के दर्शन भी करते हैं।
शांता देवी का मंदिर कहाँ हैं? (Where is the temple of Shanta Devi?)
भगवान राम की पूजा तो देश के हर कोने में होती है। लेकिन देश में एक राज्य ऐसा भी है जहाँ पर माता शांता का मंदिर स्थित है, जहाँ पर मुख्य रूप से माता शांता की उपासना और पूजा होती है।
हिमाचल में कुल्लू से करीब 50 किलोमीटर दूर एक प्राचीन मंदिर है। जहाँ उनकी बहन शांता की प्रतिदिन पूजा होती है। माता शांता एक दर्शन के लिए देश के अन्य लोग भी जाते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी इस मंदिर में सच्चे दिल से पूजा करता है। उसे देवी शांता के साथ-साथ भगवान राम (कौन थीं भगवान राम की बहन) का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा इस मंदिर के आसपास दशहरे का मेला भी लगता है।
भक्तिटाइम्स की टीम उम्मीद करती है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आपकी जिज्ञासा (कौन थीं भगवान राम की बहन) पूरी हुई होगी।
Disclaimer: यह जानकारी विभिन्न धार्मिक ग्रंथों और इंटरनेट से संग्रहित करके आपके समक्ष प्रस्तुत की गयी है|